भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य और उसके दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को कोटद्वार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की 2022 में हुई हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सितंबर 2022 में, पौड़ी जिले में पुलकित आर्य के वनतंत्र रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली अंकिता के लापता होने की सूचना मिली थी। जांच के अनुसार, कथित तौर पर उस पर वीआईपी मेहमानों को अवैध सेवाएं देने का दबाव था। उसने कथित तौर पर इनकार कर दिया और उसे चिल्ला नहर में धकेल दिया गया, जहां से आखिरकार उसका शव बरामद किया गया।

चूंकि राजनीतिक रूप से जुड़े लोग इसमें शामिल थे, इसलिए इस मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया और राष्ट्रीय आक्रोश पैदा हुआ। 97 गवाहों के बयानों और ढेर सारे दस्तावेजी सबूतों की मदद से विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट पेश की। धारा 302 (हत्या), धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) भारतीय दंड संहिता की उन धाराओं में से हैं, जिनमें अदालत ने आरोपी को दोषी पाया।

राजनीतिक संबद्धता के बावजूद, इस फैसले को न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो जवाबदेही के महत्व को उजागर करता है और कानूनी व्यवस्था में जनता के विश्वास और आस्था को मजबूत करता है।

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