हाल ही में दक्षिणी कैलिफोर्निया के तटों पर कई सालों बाद ‘डूम्सडे फिश’ के नाम से मशहूर ओरफिश की खोज हुई है। चांदी के रंग की कांपती हुई देह वाली यह लंबी पूंछ वाली गहरे समुद्र में रहने वाली मछली एक दुर्लभ नजारा है, जो इतिहास में धरती पर किसी प्राकृतिक आपदा के आने से ठीक पहले तटों पर देखी गई थी।

पूरी दुनिया में किंवदंतियों और मिथकों के अनुसार, तटों पर ओरफिश की इस खोज को अब लोगों के बीच एक खतरनाक स्थिति के रूप में देखा जा रहा है। एक जापानी किंवदंती के अनुसार, इन ओरफिश को ‘समुद्र देवता का दूत’ माना जाता था, जो आने वाली सुनामी या भूकंप के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए तट पर आते हैं। वैज्ञानिक सिद्धांतों और शोधों के अनुसार, भूकंप आने से पहले, कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन पेरोक्साइड जैसी कुछ गैसें निकलती हैं, जिससे गहरे समुद्र के जीव तट पर आ जाते हैं।
दक्षिणी कैलिफोर्निया के अलावा कई अन्य समुद्र तटों पर भी ओरफिश की खोज की गई है। शोध के अनुसार, इन प्रलयकारी मछलियों की खोज को जलवायु परिवर्तन की घटना एल नीनो और ला नीना से जोड़कर देखा जा रहा है। इन जलवायु परिवर्तनों के कारण ही समुद्री धाराओं में उतार-चढ़ाव हो रहा है, जिससे ये गहरे समुद्र में रहने वाले जीव परेशान हो रहे हैं।
विज्ञान बनाम अंधविश्वास की बहस के बीच लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई ये मछलियाँ आने वाली आपदा का संकेत हैं। इससे पहले जापान में वर्ष 2011 में ये ‘प्रलयकारी मछलियाँ’ जापान के तट पर पाई गई थीं और जापानी तट पर इन मछलियों के आने के ठीक बाद 9.0 तीव्रता का ‘तोहुकू भूकंप और सुनामी’ आई थी। वर्ष 2017 में इसी तरह फिलीपींस के तट पर भी यही ओरफिश पाई गई थीं और अगले ही दिन लूजॉन द्वीप पर 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था।
दक्षिणी कैलिफोर्निया के समुद्र तटों पर इन ‘प्रलय दिवस मछलियों’ की ‘कभी-कभार’ उपस्थिति ने विज्ञान और अंधविश्वास पर बहस को जन्म दिया है। शोधकर्ता भूकंप और सुनामी के आगमन के साथ ‘प्रलय दिवस मछलियों’ के इस संबंध को समझने के लिए अपने अध्ययन जारी रखे हुए हैं। ओरफिश को प्राकृतिक आपदा से जोड़ने के कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण न होने के कारण, जापान और फिलीपींस में भूकंप की पिछली गतिविधियों को एक साथ जोड़ा जा रहा है। विश्व स्तरीय महासागर-संस्थानों ने अब इन रूढ़ियों को तोड़ने और अंधविश्वासों पर विज्ञान की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरे उत्साह के साथ अपना शोध शुरू कर दिया है।