दिल्ली की राजनीति में अचानक हलचल तब मची जब भाजपा ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना। एक ऐसी नेता, जिन्होंने छात्र राजनीति से लेकर नगर निगम तक अपनी अलग पहचान बनाई, अब राजधानी की कमान संभालेंगी। पहली बार विधायक बनने के बावजूद, उनका अनुभव और संगठन में पकड़ उन्हें इस मुकाम तक ले आई। पर क्या वजह रही कि भाजपा ने वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपी? आइए, जानते हैं उनकी यात्रा, राजनीतिक सफर, शिक्षा, परिवार और संपत्ति से जुड़ी हर खास जानकारी।

राजनीतिक करियर और उपलब्धियां
रेखा गुप्ता की राजनीति में शुरुआत छात्र जीवन से हुई थी। उन्होंने 1996-97 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इसके बाद, भाजपा में उनकी सक्रियता बढ़ती गई।
2007 में वे उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से पार्षद चुनी गईं और तीन बार इस पद पर बनी रहीं। साथ ही, उन्होंने दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) की महापौर का पद भी संभाला। 2022 में, वे नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की शैली ओबेरॉय के खिलाफ मेयर पद की प्रत्याशी थीं।
इसके अलावा, वे वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और दिल्ली भाजपा की महासचिव के रूप में भी काम कर चुकी हैं। हाल ही में, उन्होंने शालीमार बाग विधानसभा सीट से 30,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल कर अपनी स्थिति को और मजबूत किया।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
रेखा गुप्ता ने अपनी उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से पूरी की। छात्र राजनीति में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उनके राजनीतिक करियर की नींव रखी। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ीं और छात्र राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1996-97 में, वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष चुनी गईं, जिसने उनके राजनीतिक करियर को एक नई दिशा दी। कानून में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें राजनीति और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद की।
नेट वर्थ और वित्तीय स्थिति
उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति ₹5.3 करोड़ है, जबकि उनके ऊपर ₹1.2 करोड़ का कर्ज है। उनकी आय का मुख्य स्रोत वकालत है। उनके वित्तीय पोर्टफोलियो का विवरण इस प्रकार है:
- हाथ में नकद: ₹1,48,000
- बैंक बैलेंस: ₹22,42,242
- निवेश: विभिन्न कंपनियों के शेयरों में
- जीवन बीमा पॉलिसी: ₹53,68,323 (पति मनीष गुप्ता के साथ संयुक्त रूप से)
- संपत्ति: रोहिणी में ₹30 लाख मूल्य का घर
- वाहन: पति के नाम पर पंजीकृत एक कार
रेखा गुप्ता के परिवार से जुड़ी जानकारी
रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता एक व्यवसायी हैं, जो स्पेयर पार्ट्स के कारोबार से जुड़े हैं। वे उनकी राजनीतिक यात्रा में हमेशा उनके समर्थक रहे हैं। मनीष गुप्ता बीमा व्यवसाय से भी जुड़े हैं और ‘निकुंज एंटरप्राइज’ नामक कंपनी चलाते हैं।
उनके दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी हर्षिता पारिवारिक व्यवसाय में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जबकि छोटा बेटा निकुंज अभी पढ़ाई कर रहा है।
रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री क्यों चुना गया?
भाजपा द्वारा रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय एक रणनीतिक कदम है। उनका नगर निगम प्रशासन का अनुभव, महिला नेतृत्व में उनकी भूमिका और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इस फैसले के प्रमुख कारण रहे।
रेखा गुप्ता की छवि एक ईमानदार और जमीनी नेता की है, जो जनता की समस्याओं को समझती हैं। भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर न केवल एक नया नेतृत्व दिया है, बल्कि पार्टी की पकड़ को भी मजबूत किया है। उनके कार्यकाल में उनकी नीतियां और फैसले दिल्ली की राजनीति को किस दिशा में ले जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी।
अब जब वे दिल्ली की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं, तो जनता की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किन नीतियों और योजनाओं के साथ राजधानी के विकास को आगे बढ़ाएंगी।