प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नवंबर 2024 में नियुक्त देश के नए प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के आगमन के बाद, भारत और मॉरीशस के गहरे संबंधों को मजबूत करने के लिए 11 और 12 मार्च को मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा पर गए। पीएम मोदी की यह यात्रा हिंद महासागर पर भारत के रणनीतिक फोकस, दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को उजागर करने वाली एक महत्वपूर्ण यात्रा के रूप में चिह्नित हुई।

मॉरीशस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत
मॉरीशस के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का खुले दिल से स्वागत किया। पोर्ट लुइस में महिलाओं ने प्रसिद्ध बिहारी ‘गीत’ गाकर उनका स्वागत किया, जबकि सड़कों पर उनके आगमन की प्रतीक्षा कर रहे नागरिकों की कतारें लगी हुई थीं। हर तरफ लोग उनका स्वागत करने और अपना प्यार जताने के लिए उमड़े।
पोर्ट लुइस पहुंचने के बाद पीएम मोदी को गर्मजोशी और दयालु आतिथ्य मिला। इसके बाद, 12 मार्च को आयोजित राष्ट्र के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में उन्हें मुख्य अतिथि घोषित किया गया।
इस गर्मजोशी भरे स्वागत और मॉरीशस के नए सरकारी अधिकारियों के साथ मजबूत संबंधों ने यह साबित कर दिया कि मॉरीशस सिर्फ एक और साझेदार देश नहीं, बल्कि भारत के परिवार का एक हिस्सा है।
पीएम मोदी को मिला मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान, पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन‘ से सम्मानित किया गया।
उन्होंने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार शालीनता और सम्मान के साथ स्वीकार किया, जो भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत और ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ करता है।
सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में पहल
भारत और मॉरीशस के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए पीएम मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल को महाकुंभ का पवित्र जल भेंट किया।
इसके अलावा, पहली महिला को बनारसी साड़ियां और अन्य उपहार भी दिए गए। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति धरम गोखूल के साथ मॉरीशस के संस्थापक सर शिवसागर रामगुलाम और पूर्व राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ की समाधि का दौरा किया। ये दोनों महान नेता मॉरीशस के इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्तित्व थे।
समुद्री सुरक्षा और व्यापार को लेकर रणनीतिक साझेदारी
भारत और मॉरीशस के बीच यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक और सांस्कृतिक नहीं, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊंचाइयों पर ले गई।
इस यात्रा ने समुद्री खतरों से मिलकर निपटने और एक स्थिर व्यापार व समुद्री सुरक्षा बनाए रखने के लिए दोनों राष्ट्रों के बीच सहयोग को और मजबूत किया।
इस रणनीतिक संरचना के तहत, दोनों देश समुद्र में अन्य देशों से होने वाले संभावित खतरों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा मॉरीशस के साथ भारत के जुड़ाव को बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने में मदद करेगी।
भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंधों में नई मजबूती
इस यात्रा का मुख्य ध्यान भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण पर रहा। दोनों देशों के एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता ने एक स्थिर और दीर्घकालिक साझेदारी बनाने में सफलता दिलाई।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल एक राजनीतिक पहल थी, बल्कि यह दोनों देशों के गहरे पारिवारिक रिश्तों का प्रतीक भी बनी। इसने यह सुनिश्चित किया कि भारत और मॉरीशस के बीच वर्षों से चले आ रहे मजबूत संबंध कभी खत्म नहीं होंगे, बल्कि समय के साथ और मजबूत होते रहेंगे।
निष्कर्ष
पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा ने यह साबित कर दिया कि भारत और मॉरीशस के बीच न केवल राजनीतिक और आर्थिक संबंध, बल्कि संस्कृति, परंपरा और आपसी विश्वास का एक गहरा बंधन भी है।
यह यात्रा हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका, वैश्विक नेतृत्व, रणनीतिक साझेदारी, और दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समझ को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत और मॉरीशस की यह दोस्ती आने वाले समय में और किन ऊंचाइयों को छूती है! 🚀🌍🇮🇳🇲🇺