बिहार विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस बहस के बाद राबड़ी देवी और उनकी पार्टी राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के सभी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। यह घटना बिहार की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे सकती है। आइए, जानते हैं कि आखिर हुआ क्या था और यह मामला इतना गरमाया क्यों।

सदन में क्या हुआ?

राबड़ी देवी ने सदन में उठकर बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कोई भी ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत जवाब दिया।

नीतीश ने कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार में कोई विकास नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि जब राबड़ी देवी के पति और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को हटाया गया था, तब उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया था।

नीतीश कुमार ने आगे कहा कि राजद के शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था इतनी खराब थी कि कोई भी व्यक्ति पांचवीं कक्षा से आगे नहीं पढ़ पाता था। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया है, जबकि राजद के शासन में महिलाओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे।

राबड़ी देवी का गुस्सा और विपक्ष का वॉकआउट

नीतीश कुमार के इन बयानों से राबड़ी देवी नाराज हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार हमेशा महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। इस आरोप के बाद राजद के सभी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।

सदन से बाहर निकलकर राबड़ी देवी और राजद के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथ में पोस्टर लेकर नारेबाजी की। राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार में अपराध बढ़ गए हैं और नीतीश कुमार अब कानून-व्यवस्था संभालने में असमर्थ हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में हर दिन चोरी, डकैती, अपहरण, बलात्कार और हत्या की घटनाएं हो रही हैं

नीतीश कुमार का पलटवार

नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वे सच्चाई से अनजान हैं। उन्होंने कहा कि 2005 में जब उनकी सरकार आई थी, तब से अब तक बिहार में कई विकास कार्य हुए हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजद के शासनकाल में बिहार विकास की दौड़ में पिछड़ गया था, लेकिन उनकी सरकार ने राज्य को आगे बढ़ाने का काम किया है।

राजनीति में बढ़ी गहमागहमी

बिहार में चुनावी साल के माहौल में यह घटना एक नए विवाद को जन्म दे सकती है।

इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में तनाव और बढ़ सकता है

क्या होगा आगे?

अब देखने वाली बात यह होगी कि:

आने वाले दिनों में यह सब साफ हो जाएगा।

इस तरह, बिहार विधानसभा में हुई इस बहस ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। अब देखना यह होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है और बिहार की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।

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