अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन, डी.सी. आने का निमंत्रण दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विनम्रतापूर्वक मना कर दिया। मोदी ने कहा कि वह कनाडा में 16-17 जून को जी7 शिखर सम्मेलन में सौहार्दपूर्ण फोन पर बातचीत के दौरान “पूर्व-निर्धारित प्रतिबद्धताओं” के कारण इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकते। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि मई 2025 में पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम के पीछे किसी अन्य देश की मध्यस्थता के बजाय सीधा सैन्य संपर्क ही कारण है। अपने द्विपक्षीय संबंधों में, भारत किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का दृढ़ता से विरोध करता है।

पीएम मोदी ने ट्रंप को ऑपरेशन सिंदूर पर अपडेट दिया, जिसमें कहा गया कि भारत आतंकवाद को युद्ध अपराध मानता है। ट्रंप ने कहा कि वह भारत की पहल का समर्थन करते हैं। विदेश सचिव मिसरी ने पुष्टि की कि मोदी का कार्यक्रम, जो पहले से ही यूरोप की यात्राओं के लिए बुक था, कनाडा से वापस आते समय वाशिंगटन में अनियोजित ठहराव की अनुमति नहीं देता था। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस साल के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया ।

मोदी ने एक चतुराईपूर्ण लेकिन जानबूझकर किया गया निर्णय लिया, जिसने भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया, साथ ही अपनी कूटनीतिक प्राथमिकताओं और कार्यक्रम को भी बनाए रखा। भारत ने ट्रम्प को क्वाड शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करके संप्रभुता और रणनीतिक साझेदारी दोनों पर जोर दिया, जबकि अमेरिकी यात्रा को अस्वीकार कर दिया।

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