प्रस्तावना

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद को लेकर बीते कुछ वर्षों में देशभर में चर्चा बढ़ी है। यह मस्जिद अब एक ऐसे विवाद का केंद्र बन चुकी है, जिसे कई लोग काशी और मथुरा के बाद तीसरा बड़ा धार्मिक स्थल विवाद कह रहे हैं।

हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद वास्तव में एक प्राचीन हिंदू मंदिर थी — जिसे वे “हरिहर मंदिर” के नाम से जानते हैं। उनका मानना है कि मुगल आक्रांता बाबर ने इस मंदिर को ध्वस्त कर मस्जिद का रूप दे दिया।


 इतिहास और हिंदू पक्ष का दावा

हिंदू पक्ष के अनुसार:

बाबरनामा (बाबर की आत्मकथा) और ऐन-ए-अकबरी (अकबर के शासनकाल का दस्तावेज़) जैसे ऐतिहासिक ग्रंथों में भी इस संरचना के निर्माण और बदलाव का ज़िक्र मिलता है।


 एएसआई रिपोर्ट और पुरातात्विक साक्ष्य


 कानूनी घटनाक्रम (Timeline)

 नवंबर 2024

 नवंबर 2024 (दूसरे सप्ताह)

 फरवरी 2025

मई 2025


 हिंदू पक्ष का रुख

हिंदू संगठनों का कहना है कि:


 मुस्लिम पक्ष का दृष्टिकोण


भविष्य की दिशा और संभावनाएं


 निष्कर्ष

संभल का यह विवाद धार्मिक आस्था, ऐतिहासिक साक्ष्य, और कानूनी व्याख्या – तीनों के बीच संतुलन साधने का प्रयास है। यह विवाद सिर्फ एक ढांचा या ज़मीन का नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक धरोहर और इतिहास की परतों को समझने और सहेजने की चुनौती भी है।

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