12 जून 2025 को, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद, एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 — एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर — दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान लंदन गैटविक जा रहा था। उड़ान भरते ही विमान की ऊंचाई कम होने लगी और यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में विमान और जमीन दोनों पर भारी तबाही हुई।

विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य, कुल 242 लोग सवार थे। दुख की बात है कि 241 लोगों की मौत हो गई, और केवल एक व्यक्ति बच पाया — एक ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश, जो आपातकालीन निकास द्वार से बाहर निकल कर बच गए। हादसे में जमीन पर भी कम से कम 38 लोगों की जान चली गई। इस दुर्घटना से जुड़ी कई दर्दनाक कहानियाँ सामने आई हैं — मारे गए लोगों में एक हाल ही में सगाई कर चुके ब्रिटिश-भारतीय जोड़े और राजस्थान के एक परिवार के पांच सदस्य, जिनमें तीन छोटे बच्चे शामिल थे, शामिल हैं। यह हादसा न केवल अहमदाबाद बल्कि पूरे देश को शोक में डूबो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटनास्थल का दौरा किया और इकलौते बचे व्यक्ति से मुलाकात की। उन्होंने पीड़ित परिवारों को पूरी सरकारी सहायता देने का वादा किया। एयर इंडिया और टाटा ग्रुप ने भी मदद और मुआवजा देने की बात कही है। यूके, अमेरिका, रूस समेत दुनियाभर के नेताओं ने भी शोक जताया है। भारत सरकार ने देश में मौजूद सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की तत्काल सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं।

यह घटना भारत के हाल के इतिहास की सबसे भयानक विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई है। इसने न केवल सैकड़ों जानें ली हैं, बल्कि विमान सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था को लेकर कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। पूरा देश शोक में है, और पीड़ित परिवार अब सच्चाई, न्याय और संतोषजनक जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं।

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